सुबन्तम्
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सुबन्तं (Noun) नाम नामपदम् । संस्कृतव्याकरणाध्ययने सुबन्तानां बहु प्रमुखं स्थानमस्ति । सुबन्तानां मूलरूपं तु प्रातिपदिकम् इत्युच्यते । सामान्यतः सुबन्तानां लिङ्गत्रये निर्देशः भवति - पुल्लिङ्गं-स्त्रीलिङ्गं- नपुंसकलिङ्गमिति । एक-द्वि-बहुवचनेषु त्रिषु वचनेषु सुबन्ताः रूपाणि प्राप्नुवन्ति । सप्तविभक्तीनां योजनेन आहत्य प्रातिपदिकस्यैकस्य २१ रूपाणि भवन्ति ।
महर्षिणा पाणिनिना विरचिते 'अष्टाध्यायी'नामके ग्रन्थे शब्दरूपाणि, धातुरूपाणि, सन्धयः, समासाः, कारकाणि, कृत्प्रत्ययाः, तद्धितप्रत्ययाः इत्यादीनि भाषायाः अवयवाः निरूपिताः सन्ति । तत्र स मुनिः स्वौजसमौट् शस्टाभ्यां भिस्ङेभ्यां भ्यस् ङसिभ्यां भ्यस् ङसोसां ङ्योस्सुप् (अष्टाध्यायी 4.1.2 ) इति सुबन्तस्य लक्षणानि सूचयति । अधः परिचयार्थं कानिचन शब्दरूपाणि दत्तानि -
पुल्लिङ्गशब्दाः
* पुल्लिङ्गः राम शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | राम: | रामौ | रामा: |
द्वितीया | रामम् | रामौ | रामान् |
तृतीया | रामेण | रामाभ्याम् | रामै: |
चतुर्थी | रामाय | रामाभ्याम् | रामेभ्य: |
पञ्चमी | रामात् | रामाभ्याम् | रामेभ्य: |
षष्ठी | रामस्य | रामयो: | रामाणाम् |
सप्तमी | रामे | रामयो: | रामेषु |
सम्बो. | हे राम | हे रामौ | हे रामा: |
* पुंलिङ्गः हरि शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | हरि: | हरी | हरय: |
द्वितीया | हरिम् | हरी | हरीन् |
तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभि: |
चतुर्थी | हरये | हरिभ्याम् | हरिभ्य: |
पञ्चमी | हरे: | हरिभ्याम् | हरिभ्य: |
षष्ठी | हरे: | हर्य्यौ: | हरीणाम् |
सप्तमी | हरौ | हर्य्यौ: | हरिषु |
सम्बो. | हे हरे | हे हरी | हे हरय: |
* पुल्लिङ्गः करिन् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | करी | करिणौ | करिण: |
द्वितीया | करिणम् | करिणौ | करिण: |
तृतीया | करिणा | करिभ्याम् | करिभि: |
चतुर्थी | करिणे | करिभ्याम् | करिभ्य: |
पञ्चमी | करिण: | करिभ्याम् | करिभ्य: |
षष्ठी | करिण: | करिणॊ: | करीणाम् |
सप्तमी | करिणि | करिणो: | करिषु |
सम्बो. | हे करिन् | हे करिणौ | हे करिण: |
* पुल्लिङ्गः भूभृत् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | भूभृत् | भूभृतौ | भूभृत: |
द्वितीया | भूभृतम् | भूभृतौ | भूभृत: |
तृतीया | भूभृता | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भि: |
चतुर्थी | भूभृते | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भ्य: |
पञ्चमी | भूभृत: | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भ्य: |
षष्ठी | भूभृत: | भूभृतो: | भूभृताम् |
सप्तमी | भूभृति | भूभृतो: | भूभृत्सु |
सम्बो. | हे भूभृत् | हे भूभृतौ | हे भूभृत: |
* पुल्लिङ्गः भानु शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | भानु: | भानू | भानव: |
द्वितीया | भानुम् | भानू | भानून् |
तृतीया | भानुना | भानुभ्याम् | भानुभि: |
चतुर्थी | भानवे | भानुभ्याम् | भानुभ्य: |
पञ्चमी | भानो: | भानुभ्याम् | भानुभ्य: |
षष्ठी | भानो: | भान्वो: | भानूनाम् |
सप्तमी | भानौ | भान्वो: | भानुषु |
सम्बो. | हे भानो | हे भानू | हे भानव: |
* पुल्लिङ्गः कर्ता शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | कर्ता | कर्तारौ | कर्तार: |
द्वितीया | कर्तारम् | कर्तारौ | कर्तॄन् |
तृतीया | कर्त्रा | कर्तृभ्याम् | कर्तृभि: |
चतुर्थी | कर्त्रे | कर्तृभ्याम् | कर्तृभ्य: |
पञ्चमी | कर्तु: | कर्तृभ्याम् | कर्तृभ्य: |
षष्ठी | कर्तु: | कर्त्रो: | कर्त्रृणाम् |
सप्तमी | कर्त्रि | कर्त्रो: | कर्त्रृषु |
सम्बो. | हे कर्ता: | हे कर्तारौ | हे कर्तार: |
* पुल्लिङ्गः चन्द्रमस् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | चन्द्रमा: | चन्द्रमसौ | चन्द्रमस: |
द्वितीया | चन्द्रमसम् | चन्द्रमसौ | चन्द्रमस: |
तृतीया | चन्द्रमसा | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभि: |
चतुर्थी | चन्द्रमसे | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभ्य: |
पञ्चमी | चन्द्रमस: | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभ्य: |
षष्ठी | चन्द्रमस: | चन्द्रमसो: | चन्द्रमसाम् |
सप्तमी | चन्द्रमसि | चन्द्रमसो: | चन्द्रम:सु |
सम्बो. | न हे चन्द्रम: | हे चन्द्रमसौ | हे चन्द्रमस: |
* पुल्लिङ्गः तस्थिवस् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | तस्थिवान् | तस्थिवांसौ | तस्थिवांस: |
द्वितीया | तस्थिवांसम् | तस्थिवांसौ | तस्थुष: |
तृतीया | तस्थुषा | तस्थिवद्भ्याम् | तस्थिवद्भि: |
चतुर्थी | तस्थुषे | तस्थिवद्भ्याम् | तस्थिवद्भ्य: |
पञ्चमी | तस्थुष: | तस्थिवद्भ्याम् | तस्थिवद्भ्य: |
षष्ठी | तस्थुष: | तस्थुषो: | तस्थुषाम् |
सप्तमी | तस्थुषि | तस्थुषो: | तस्थिवत्सु |
सम्बो. | हे तस्थिवान् | हे तस्थिवांसौ | हे तस्थिवांस: |
* पुल्लिङ्गः भगवत् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | भगवान् | भगवन्तौ | भगवन्त: |
द्वितीया | भगवन्तम् | भगवन्तौ | भगवत: |
तृतीया | भगवता | भगवद्भ्याम् | भगवद्भि: |
चतुर्थी | भगवते | भगवद्भ्याम् | भगवद्भ्य: |
पञ्चमी | भगवत: | भगवद्भ्याम् | भगवद्भ्य: |
षष्ठी | भगवत: | भगवतो: | भगवताम् |
सप्तमी | भगवति | भगवतो: | भगवत्सु |
सम्बो. | हे भगवन् | हे भगवन्तौ | हे भगवन्त: |
* पुल्लिङ्गः आत्मन् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | आत्मा | आत्मानौ | आत्मान: |
द्वितीया | आत्मानम् | आत्मानौ | आत्मान: |
तृतीया | आत्मना | आत्मभ्याम् | आत्मभि: |
चतुर्थी | आत्मने | आत्मभ्याम् | आत्मभ्य: |
पञ्चमी | आत्मन: | आत्मभ्याम् | आत्मभ्य: |
षष्ठी | आत्मन: | आत्मनो: | आत्मनाम् |
सप्तमी | आत्मनि | आत्मनो: | आत्मसु |
सम्बो. | हे आत्मन् | हे आत्मानौ | हे आत्मान: |
* पुल्लिङ्गः राजन् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | राजा | राजानौ | राजान: |
द्वितीया | राजानम् | राजानौ | राज्ञ: |
तृतीया | राज्ञा | राजभ्याम् | राजभि: |
चतुर्थी | राज्ञे | राजभ्याम् | राजभ्य: |
पञ्चमी | राज्ञ: | राजभ्याम् | राजभ्य: |
षष्ठी | राज्ञ: | राज्ञो: | राज्ञाम् |
सप्तमी | राज्ञि | राज्ञो: | राजसु |
सम्बो. | हे राजन् | हे राजानौ | हे राजान: |
* पुंलिङ्गः सर्व शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सर्व: | सर्वौ | सर्वे |
द्वितीया | सर्वम् | सर्वौ | सर्वे |
तृतीया | सर्वेण | सर्वाभ्याम् | सर्वै: |
चतुर्थी | सर्वस्मै | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
पञ्चमी | सर्वस्मात् | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
षष्ठी | सर्वस्य | सर्वयॊ: | सर्वेषाम् |
सप्तमी | सर्वस्मिन् | सर्वयॊ: | सर्वेषु |
सम्बो. | हे सर्व | हे सर्वौ | हे सर्वे |
* पुंलिङ्गः विश्व शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | विश्व: | विश्वौ | विश्वे |
द्वितीया | विश्वम् | विश्वौ | विश्वान् |
तृतीया | विश्वेन | विश्वाभ्याम् | विश्वै: |
चतुर्थी | विश्वस्मै | विश्वाभ्याम् | विश्वेभ्य: |
पञ्चमी | विश्वस्मात् | विश्वाभ्याम् | विश्वेभ्य: |
षष्ठी | विश्वस्य | विश्वयो: | विश्वेषाम् |
सप्तमी | विश्वस्मिन् | विश्वयो: | विश्वेषु |
सम्बो. | हे विश्व | हे विश्वाै | हे विश्वे |
* पुंलिङ्गः नेम शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | नेम: | नेमौ | नेमाः |
द्वितीया | नेमम् | नेमौ | नेमान् |
तृतीया | नेमेन | नेमाभ्याम् | नेमै: |
चतुर्थी | नेमस्मै | नेमाभ्याम् | नेमेभ्य: |
पञ्चमी | नेमस्मात् | नेमाभ्याम् | नेमेभ्य: |
षष्ठी | नेमस्य | नेमयॊ: | नेमेषाम् |
सप्तमी | नेमस्मिन् | नेमयॊ: | नेमेषु |
सम्बो. | हे नेम | हे नेमौ | हे नेमा: |
* पुंलिङ्गः निर्जर शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | निर्जर: | निर्जरसौ/निर्जरौ | निर्जरस:/निर्जरा: |
द्वितीया | निर्जरम् /निर्जसम् | निर्जरौ/निर्जरसौ | निर्जरान् |
तृतीया | निर्जरेण/निर्जरसा | निर्जराभ्याम् | निर्जरै: |
चतुर्थी | निर्जराय/निर्जरसे | निर्जराभ्याम् | निर्जरेभ्य: |
पञ्चमी | निर्जरस:/निर्जरात् | निर्जराभ्याम् | निर्जरेभ्य: |
षष्ठी | निर्जरस:/निर्जरस्य | निर्जरयो:/निर्जरसो: | निर्जराणाम् /निर्जरसाम् |
सप्तमी | निर्जरसि/निर्जरे | निर्जरयो:/निर्जरसो | निर्जरेषु |
सम्बो. | हे निर्जर | हे निर्जरसौ/हे निर्जरौ | हे निर्जरस:/हे निर्जरा: |
* पुंलिङ्गः हाहा शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | हाहा: | हाहौ | हाहा: |
द्वितीया | हाहाम् | हाहौ | हाहान् |
तृतीया | हाहा | हाहाभ्याम् | हाहाभि: |
चतुर्थी | हाहै | हाहाभ्याम् | हाहाभ्य: |
पञ्चमी | हाहा: | हाहाभ्याम् | हाहाभ्य: |
षष्ठी | हाहा: | हाहौ | हाहाम् |
सप्तमी | हाहे | हाहौ | हाहासु |
सम्बो. | हे हाहा: | हे हाहौ | हे हाहा: |
* पुंलिङ्गः सखि शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सखा | सखायौ | सखाय: |
द्वितीया | सखायाम् | सखायौ | सखीन् |
तृतीया | सख्या | सखिभ्याम् | सखिभि: |
चतुर्थी | सख्ये | सखिभ्याम् | सखिभ्य: |
पञ्चमी | सख्यु: | सखिभ्याम् | सखिभ्य: |
षष्ठी | सख्यु: | सख्यो: | सखीनाम् |
सप्तमी | सख्यौ | सख्यो: | सखिषु |
सम्बो. | हे सखे | हे सखायौ | हे सखाय: |
* पुंलिङ्गः विश्वपा शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | विश्वपा: | विश्वपौ | विश्वपा: |
द्वितीया | विश्वपाम् | विश्वपौ | विश्वप: |
तृतीया | विश्वपा | विश्वपाभ्याम् | विश्वपाभि: |
चतुर्थी | विश्वपे | विश्वपाभ्याम् | विश्वपाभ्य: |
पञ्चमी | विश्वप: | विश्वपाभ्याम् | विश्वपाभ्य: |
षष्ठी | विश्वप: | विश्वपो: | विश्वपाम् |
सप्तमी | विश्वपि | विश्वपो: | विश्वपासु |
सम्बो. | हे विश्वपा: | हे विश्वपौ | हे विश्वपा: |
* पुंलिङ्गः पति शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | पति: | पती | पतय: |
द्वितीया | पतिम् | पती | पतीन् |
तृतीया | पत्या | पतिभ्याम् | पतिभि: |
चतुर्थी | पत्ये | पतिभ्याम् | पतिभ्य: |
पञ्चमी | पत्यु: | पतिभ्याम् | पतिभ्य: |
षष्ठी | पत्यु: | पत्यो: | पतीनाम् |
सप्तमी | पत्यौ | पत्यो: | पतिषु |
सम्बो. | हे पते | हे पती | हे पतय: |
* पुंलिङ्गः पपी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | पपीः | पप्यौ | पप्यः |
द्वितीया | पपीम् | पप्यौ | पपीन् |
तृतीया | पप्या | पपीभ्याम् | पपीभ्यः |
चतुर्थी | पप्ये | पपीभ्याम् | पपीभ्यः |
पञ्चमी | पप्यः | पपीभ्याम् | पपीभ्यः |
षष्ठी | पप्यः | पप्योः | पप्याम् |
सप्तमी | पपी | पप्योः | पपीषु |
सम्बो. | हे पपीः | हे पप्यौ | हे पप्यः |
* पुंलिङ्गः बहुश्रेयसी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | बहुश्रेयसी | बहुश्रेयस्यौ | बहुश्रेयस्यः |
द्वितीया | बहुश्रेयसीम् | बहुश्रेयस्यौ | बहुश्रेयसीन् |
तृतीया | बहुश्रेयस्या | बहुश्रेयसीभ्याम् | बहुश्रेयसीभिः |
चतुर्थी | बहुश्रेयस्यै | बहुश्रेयसीभ्याम् | बहुश्रेयसीभ्यः |
पञ्चमी | बहुश्रेयस्याः | बहुश्रेयसीभ्याम् | बहुश्रेयसीभ्यः |
षष्ठी | बहुश्रेयस्याः | बहुश्रेयस्योः | बहुश्रेयसीनाम् |
सप्तमी | बहुश्रेयस्याम् | बहुश्रेयस्योः | बहुश्रेयसीषु |
सम्बो. | हे बहुश्रेयसि | हे बहुश्रेयस्योः | हे बहुश्रेयस्यः |
* पुंलिङ्गः प्रधी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | प्रधीः | प्रध्यौः | प्रध्यः |
द्वितीया | प्रध्यम् | प्रध्यौ | प्रध्यः |
तृतीया | प्रध्या | प्रधीभ्याम् | प्रधीभिः |
चतुर्थी | प्रध्ये | प्रधीभ्याम् | प्रधीभ्यः |
पञ्चमी | प्रध्यः | प्रधीभ्याम् | प्रधीभ्यः |
षष्ठी | प्रध्यः | प्रध्योः | प्रध्याम् |
सप्तमी | प्रध्यि | प्रध्योः | प्रधीषु |
सम्बो. | हे प्रधि | हे प्रध्यौः | हे प्रध्यः |
* पुंलिङ्गः ग्रामणी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | ग्रामणीः | ग्रामण्यौ | ग्रामण्यः |
द्वितीया | ग्रामण्यम् | ग्रामण्यौ | ग्रामण्यः |
तृतीया | ग्रामण्या | ग्रामणीभ्याम् | ग्रामणीभिः |
चतुर्थी | ग्रामण्ये | ग्रामणीभ्याम् | ग्रामणीभ्यः |
पञ्चमी | ग्रामण्यः | ग्रामणीभ्याम् | ग्रामणीभ्यः |
षष्ठी | ग्रामण्यः | ग्रामण्योः | ग्रामण्याम् |
सप्तमी | ग्रामण्यि | ग्रामण्योः | ग्रामणीषु |
सम्बो. | हे ग्रामणीः | हे ग्रामण्यौ | हे ग्रामण्यः |
* पुंलिङ्गः नी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | नीः | नियौ | नियः |
द्वितीया | नियम् | नियौ | नियः |
तृतीया | निया | नीभ्याम् | नीभिः |
चतुर्थी | निये | नीभ्याम् | नीभ्यः |
पञ्चमी | नियः | नीभ्याम् | नीभ्यः |
षष्ठी | नियः | नियोः | नियाम् |
सप्तमी | नियाम् | नियोः | नीषु |
सम्बो. | हे नीः | हे नियौ | हे नियः |
* पुंलिङ्गः सुश्री शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सुश्रीः | सुश्रियौ | सुश्रियः |
द्वितीया | सुश्रियम् | सुश्रियौ | सुश्रियः |
तृतीया | सुश्रिया | सुश्रीभ्याम् | सुश्रीभिः |
चतुर्थी | सुश्रिये | सुश्रीभ्याम् | सुश्रीभ्यः |
पञ्चमी | सुश्रियः | सुश्रीभ्याम् | सुश्रीभ्यः |
षष्ठी | सुश्रियः | सुश्रियोः | सुश्रियाम् |
सप्तमी | सुश्रियि | सुश्रियोः | सुश्रिषु |
सम्बो. | हे सुश्रीः | हे सुश्रियौ | हे सुश्रियः |
* पुंलिङ्गः शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | |||
द्वितीया | |||
तृतीया | |||
चतुर्थी | |||
पञ्चमी | |||
षष्ठी | |||
सप्तमी | |||
सम्बो. |
स्त्रीलिङ्गशब्दाः
* स्त्रीलिङ्गः रमा शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | रमा | रमे | रमा: |
द्वितीया | रमाम् | रमे | रमा: |
तृतीया | रमया | रमाभ्याम् | रमाभि: |
चतुर्थी | रमायै | रमाभ्याम् | रमाभ्य: |
पञ्चमी | रमाया: | रमाभ्याम् | रमाभ्य: |
षष्ठी | रमाया: | रमयो: | रमाणाम् |
सप्तमी | रमायाम् | रमयो: | रमासु |
सम्बो. | हे रमे | हे रमे | हे रमा: |
* स्त्रील्लिङ्गः रुचि शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | रुचि: | रुची | रुचय: |
द्वितीया | रुचिम् | रुची | रुची: |
तृतीया | रुच्या | रुचिभ्याम् | रुचिभि: |
चतुर्थी | रुच्यै/रुचये | रुचिभ्याम् | रुचिभ्य: |
पञ्चमी | रुच्या:/रुचे: | रुचिभ्याम् | रुचिभ्य: |
षष्ठी | रुच्या:/रुचे: | रुच्यो: | रुचीनाम् |
सप्तमी | रुच्याम् /रुचौ | रुच्यो: | रुचिषु |
सम्बो. | हे रुचे | हे रुची | हे रुचय: |
* स्त्रीलिङ्गः नदी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | नदी | नद्यौ | नद्य: |
द्वितीया | नदीम् | नद्यौ | नद्य: |
तृतीया | नद्या | नदीभ्याम् | नदीभि: |
चतुर्थी | नद्यै | नदीभ्याम् | नदीभ्य: |
पञ्चमी | नद्या: | नदीभ्याम् | नदीभ्य: |
षष्ठी | नद्या: | नद्योः | नदीनाम् |
सप्तमी | नद्याम् | नद्यो: | नदीषु |
सम्बो. | हे नदि | हे नद्यौ | हे नद्य: |
* स्त्रीलिङ्गः धेनु शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | धेनु: | धेनू | धेनव: |
द्वितीया | धेनुम् | धेनू | धेनू: |
तृतीया | धेन्वा | धेनुभ्याम् | धेनुभि: |
चतुर्थी | धेन्वै/धेनवे | धेनुभ्याम् | धेनुभ्य: |
पञ्चमी | धेनो:/धेन्वा: | धेनुभ्याम् | धेनुभ्य: |
षष्ठी | धेनो:/धेन्वा: | धेन्वो: | धेनूनाम् |
सप्तमी | धेनौ/धेन्वाम् | धेन्वोः | धेनुषु |
सम्बो. | हे धेनो | हे धेनू | हे धेनव: |
* स्त्रीलिङ: वाच् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | वाक्/ग् | वाचौ | वाच: |
द्वितीया | वाचम् | वाचौ | वाच: |
तृतीया | वाचा | वाग्भ्याम् | वाग्भि: |
चतुर्थी | वाचे | वाग्भ्याम् | वाग्भ्य: |
पञ्चमी | वाच: | वाग्भ्याम् | वाग्भ्य: |
षष्ठी | वाच: | वाचो: | वाचाम् |
सप्तमी | वाचि | वाचो | वाक्षु |
सम्बो. | हे वाक्/ग् | हे वाचौ | हे वाच: |
* स्त्रीलिङ्गः धी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | धी | धियौ | धिय: |
द्वितीया | धियम् | धियौ | धिय: |
तृतीया | धिया | धीभ्याम् | धीभि: |
चतुर्थी | धिये | धीभ्याम् | धीभ्य: |
पञ्चमी | धिय: | धीभ्याम् | धीभ्य: |
षष्ठी | धिय: | धियो: | धियाम् |
सप्तमी | धियि | धियो: | धीषु |
सम्बो. | हे धि | हे धियौ | हे धिय: |
* स्त्रीलिङ्गः सरित् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सरित् | सरितौ | सरित: |
द्वितीया | सरित् | सरिताै | सरित: |
तृतीया | सरिता | सरिद्भ्याम् | सरिद्भि: |
चतुर्थी | सरिते | सरिद्भ्याम् | सरिद्भ्य: |
पञ्चमी | सरित: | सरिद्भ्याम् | सरिद्भ्य: |
षष्ठी | सरित: | सरितो: | सरिताम् |
सप्तमी | सरिति | सरितो: | सरित्सु |
सम्बो. | हे सरित् | हे सरितौ | हे सरितः |
* स्त्रीलिङ्गः क्षुध् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | क्षुत्-द् | क्षुधौ | क्षुधः |
द्वितीया | क्षुधम् | क्षुधौ | क्षुधः |
तृतीया | क्षुधा | क्षुधाभ्याम | क्षुदभिः |
चतुर्थी | क्षुधे | क्षुधाभ्याम | क्षुदभ्यः |
पञ्चमी | क्षुधः | क्षुधाभ्याम | क्षुदभ्यः |
षष्ठी | क्षुधः | क्षुधोः | क्षुधाम् |
सप्तमी | क्षुधि | क्षुधोः | क्षुत्सु |
सम्बो. | हे क्षुत्-द् | हे क्षुधौ | हे क्षुधः |
* स्त्रीलिङ्गः प्रावृष् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | प्रावृट्-ड् | प्रावृषौ | प्रावृषः |
द्वितीया | प्रावृषम् | प्रावृषौ | प्रावृषः |
तृतीया | प्रावृषा | प्रावृड्भ्याम | प्रावृड्भिः |
चतुर्थी | प्रावृषे | प्रावृड्भ्याम | प्रावृड्भ्यः |
पञ्चमी | प्रावृषः | प्रावृड्भ्याम | प्रावृड्भ्यः |
षष्ठी | प्रावृषः | प्रावृषोः | प्रावृषाम् |
सप्तमी | प्रावृषि | प्रावृषोः | प्रावृट्सु |
सम्बो. | हे प्रावृट्-ड् | हे प्रावृषौ | हे प्रावृषः |
* स्त्रीलिङ्गः शरद शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | शरत्-द् | शरदौ | शरदः |
द्वितीया | शरदम् | शरदौ | शरदः |
तृतीया | शरदा | शरद्भ्याम् | शरदभिः |
चतुर्थी | शरदे | शरद्भ्याम् | शरदभ्यः |
पञ्चमी | शरदः | शरद्भ्याम् | शरदभ्यः |
षष्ठी | शरदः | शरदोः | शरदाम् |
सप्तमी | शरदि | शरदोः | शरत्सु |
सम्बो. | हे शरत्-द् | हे शरदौ | हे शरदः |
* स्त्रीलिङ्गः अम्बा शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | अम्बा | अम्बे | अम्बाः |
द्वितीया | अम्बाम् | अम्बे | अम्बाः |
तृतीया | अम्बया | अम्बाभ्याम् | अम्बाभिः |
चतुर्थी | अम्बायै | अम्बाभ्याम् | अम्बाभ्यः |
पञ्चमी | अम्बायाः | अम्बाभ्याम् | अम्बाभ्यः |
षष्ठी | अम्बायाः | अम्बयोः | अम्बानाम् |
सप्तमी | अम्बायाम् | अम्बयोः | अम्बासु |
सम्बो. | हे अम्ब | हे अम्बे | हे अम्बाः |
* स्त्रीलिङ्गः जरा शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | जरा | जरसौ/जरे | जरसः/जराः |
द्वितीया | जरसम् /जराम् | जरसौ/जरे | जरसः/जराः |
तृतीया | जरसा/जरया | जराभ्याम् | जराभिः |
चतुर्थी | जरसे/जरायै | जराभ्याम् | जराभ्यः |
पञ्चमी | जरसः/जरायाः | जराभ्याम् | जराभ्यः |
षष्ठी | जरसः/जरायाः | जरसोः | जरसाम्/जराणाम् |
सप्तमी | जरसि/जरायाम् | जरसोः/जरयोः | जरासु |
सम्बो. | हे जरे | हे जरसौ/हे जरे | हे जरसः/हे जराः |
* स्त्रीलिङ्गःमति शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | मतिः | मती | मतयः |
द्वितीया | मतिम् | मती | मतीः |
तृतीया | मत्या | मतिभ्याम् | मतिभिः |
चतुर्थी | मत्यै/मतये | मतिभ्याम् | मतिभ्यः |
पञ्चमी | मत्याः/मतेः | मतिभ्याम् | मतिभ्यः |
षष्ठी | मत्याः/मतेः | मत्योः | मतीनाम् |
सप्तमी | मत्याम् / मतौ | मत्योः | मतिषु |
सम्बो. | हे मते | हे मती | हे मतयः |
* स्त्रीलिङ्गः भ्रू शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | भ्रूः | भ्रुवौ | भ्रुवः |
द्वितीया | भ्रुवम् | भ्रुवौ | भ्रुवः |
तृतीया | भ्रुवा | भ्रूभ्याम् | भ्रूभिः |
चतुर्थी | भ्रुवे/भ्रुवै | भ्रूभ्याम् | भ्रूभ्यः |
पञ्चमी | भ्रुवाः/भ्रुवः | भ्रूभ्याम् | भ्रूभ्यः |
षष्ठी | भ्रुवाः/भ्रुवः | भ्रुवोः | भ्रूणाम् / भ्रुवाम् |
सप्तमी | भ्रुवि/भ्रुवाम् | भ्रुवोः | भ्रूषु |
सम्बो. | हे भ्रुः | हे भ्रुवौ | हे भ्रुवः |
* स्त्रीलिङ्गः स्वसृ शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | स्वसा | स्वसारौ | स्वसारः |
द्वितीया | स्वसारम् | स्वसारौ | स्वसॄः |
तृतीया | स्वस्त्रा | स्वसृभ्याम् | स्वसृभिः |
चतुर्थी | स्वस्त्रे | स्वसृभ्याम् | स्वसृभ्यः |
पञ्चमी | स्वसुः | स्वसृभ्याम् | स्वसृभ्यः |
षष्ठी | स्वसुः | स्वस्त्रोः | स्वसृणाम् |
सप्तमी | स्वसरि | स्वस्त्रोः | स्वसृषु |
सम्बो. | हे स्वसः | हे स्वसारौ | हे स्वसारः |
* स्त्रीलिङ्गः द्यो शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | द्यौः | द्यावौ | द्यावः |
द्वितीया | द्याम् | द्यावौ | द्याः |
तृतीया | द्यवा | द्योभ्याम् | द्योभिः |
चतुर्थी | द्यवे | द्योभ्याम् | द्योभ्यः |
पञ्चमी | द्योः | द्योभ्याम् | द्योभ्यः |
षष्ठी | द्योः | द्यवोः | द्यवाम् |
सप्तमी | द्यवि | द्यवोः | द्योषु |
सम्बो. | हे द्यौः | हे द्यावौ | हे द्यावः |
* स्त्रीलिङ्गः नौ शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | नौः | नावौ | नावः |
द्वितीया | नावम् | नावौ | नावः |
तृतीया | नावा | नौभ्याम् | नौभिः |
चतुर्थी | नावे | नौभ्याम् | नौभ्यः |
पञ्चमी | नावः | नौभ्याम् | नौभ्यः |
षष्ठी | नावः | नावोः | नावाम् |
सप्तमी | नावि | नावोः | नौषु |
सम्बो. | हे नौः | हे नावौ | हे नावः |
* स्त्रीलिङ्गः तद् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सा | ते | ताः |
द्वितीया | ताम् | ते | ताः |
तृतीया | तया | ताभ्याम् | ताभिः |
चतुर्थी | तस्यै | ताभ्याम् | ताभ्यः |
पञ्चमी | तस्याः | ताभ्याम् | ताभ्यः |
षष्ठी | तस्याः | तयोः | तासाम् |
सप्तमी | तस्याम् | तयोः | तासु |
* स्त्रीलिङ्गः शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | |||
द्वितीया | |||
तृतीया | |||
चतुर्थी | |||
पञ्चमी | |||
षष्ठी | |||
सप्तमी | |||
सम्बो. |
नपुंसकलिङ्गशब्दाः
* नपुंसकलिङ्गः ज्ञान शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | ज्ञानम् | ज्ञाने | ज्ञानानि |
द्वितीया | ज्ञानम् | ज्ञाने | ज्ञानानि |
तृतीया | ज्ञानेन | ज्ञानाभ्याम् | ज्ञानै: |
चतुर्थी | ज्ञानाय | ज्ञानाभ्याम् | ज्ञानेभ्य: |
पञ्चमी | ज्ञानात् | ज्ञानाभ्याम् | ज्ञानेभ्य: |
षष्ठी | ज्ञानस्य | ज्ञानयो: | ज्ञानानाम् |
सप्तमी | ज्ञाने | ज्ञानयो: | ज्ञानेषु |
सम्बो. | हे ज्ञान | हे ज्ञाने | हे ज्ञानानि |
* नपुंसकलिङ्गः दधि शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | दधि | दधिनी | दधीनि |
द्वितीया | दधि | दधिनी | दधीनि |
तृतीया | दधिना | दधिभ्याम् | दधिभि: |
चतुर्थी | दधिने | दधिभ्याम् | दधिभ्य: |
पञ्चमी | दधिन: | दधिभ्याम् | दधिभ्य: |
षष्ठी | दधिन: | दधिनो: | दधीनाम् |
सप्तमी | दधिनि | दधिनो: | दधिषु |
सम्बो. | हे दधि/ हे दधे | हे दधिनी | हे दधीनि |
* नपुंसकलिङ्गः पयस् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | पय: | पयसी | पयांसि |
द्वितीया | पय: | पयसी | पयांसि |
तृतीया | पयसा | पयोभ्याम् | पयोभि: |
चतुर्थी | पयसे | पयोभ्याम् | पयोभ्य: |
पञ्चमी | पयस: | पयोभ्याम् | पयोभ्य: |
षष्ठी | पयस: | पयसो: | पयसाम् |
सप्तमी | पयसि | पयसो: | पय:सु |
सम्बो. | हे पय: | हे पयसी | हे पयांसि |
* नपुंसकलिङ्गः वर्मन् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | वर्म | वर्मणी | वर्माणि |
द्वितीया | वर्म | वर्मणी | वर्माणि |
तृतीया | वर्मणा | वर्मभ्याम् | वर्मभि: |
चतुर्थी | वर्मणे | वर्मभ्याम् | वर्मभ्य: |
पञ्चमी | वर्मण: | वर्मभ्याम् | वर्मभ्य: |
षष्ठी | वर्मण: | वर्मणो: | वर्मणाम् |
सप्तमी | वर्मणि | वर्मणो: | वर्मसु |
सम्बो. | हे वर्मन् | हे वर्मणी | हे वर्माणि |
* नपुंसकलिङ्गःश्रीपा शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | श्रीप | श्रीपे | श्रीपाणि |
द्वितीया | श्रीपम् | श्रीपे | श्रीपाणि |
तृतीया | श्रीपेण | श्रीपाभ्याम् | श्रीपैः |
चतुर्थी | श्रीपाय | श्रीपाभ्याम् | श्रीपेभ्यः |
पञ्चमी | श्रीपात् | श्रीपाभ्याम् | श्रीपेभ्यः |
षष्ठी | श्रीपस्य | श्रीपयोः | श्रीपाणाम् |
सप्तमी | श्रीपे | श्रीपयोः | श्रीपेषु |
सम्बो. | हे श्रीप | हे श्रीपे | हे श्रीपाणि |
* नपुंसकलिङ्गः सुधी शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सुधि | सुधिनी | सुधीनि |
द्वितीया | सुधि | सुधिनी | सुधीनि |
तृतीया | सुधिया/सुधिना | सुधिभ्याम् | सुधीभिः |
चतुर्थी | सुधिये/सुधिने | सुधिभ्याम् | सुधिभ्यः |
पञ्चमी | सुधियः/सुधिनः | सुधिभ्याम् | सुधिभ्यः |
षष्ठी | सुधियः/सुधिनः | सुधियोः सुधिनोः | सुधियाम् /सुधीनाम् |
सप्तमी | सुधियि/सुधिनि | सुधियोः/सुधिनोः | सुधिषु |
सम्बो. | हे सुधि/हे सुधे | हे सुधिनी | हे सुधीनि |
* नपुंसकलिङ्गः मधु शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | मधु | मधुनी | मधूनि |
द्वितीया | मधु | मधुनी | मधूनि |
तृतीया | मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः |
चतुर्थी | मधुने | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
पञ्चमी | मधुनः | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
षष्ठी | मधुनः | मधुनोः | मधूनाम् |
सप्तमी | मधुनि | मधुनोः | मधुषु |
सम्बो. | हे मधो / हे मधु | हे मधुनी | हे मधूनि |
* नपुंसकलिङ्गः सुनौ शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | सुनु | सुनुनी | सुनूनि |
द्वितीया | सुनु | सुनुनी | सुनूनि |
तृतीया | सुनुना | सुनुभ्याम् | सुनुभिः |
चतुर्थी | सुनुने | सुनुभ्याम् | सुनुभ्यः |
पञ्चमी | सुनुनः | सुनुभ्याम् | सुनुभ्यः |
षष्ठी | सुनुनः | सुनुनोः | सुनूनाम् |
सप्तमी | सुनुनि | सुनुनोः | सुनुषु |
सम्बो. | हे सुनु | हे सुनुनी | हे सुनूनि |
* नपुंसकलिङ्गः प्ररै शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | प्ररि | प्ररिणी | प्ररीणि |
द्वितीया | प्ररि | प्ररिणी | प्ररीणि |
तृतीया | प्ररिणा | प्रराभ्याम् | प्रराभिः |
चतुर्थी | प्ररिणे | प्रराभ्याम् | प्रराभ्यः |
पञ्चमी | प्ररिणः | प्रराभ्याम् | प्रराभ्यः |
षष्ठी | प्ररिणः | प्ररिणोः | प्ररीणाम् |
सप्तमी | प्ररिणि | प्ररिणोः | प्ररासु |
सम्बो. | हे प्ररे/ हे प्ररि | हे प्ररिणी | हेप्ररीणि |
* नपुंसकलिङ्गः वार् शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | वाः | वारी | वारि |
द्वितीया | वाः | वारी | वारि |
तृतीया | वारा | वार्भ्याम् | वार्भिः |
चतुर्थी | वारे | वार्भ्याम् | वार्भ्यः |
पञ्चमी | वारः | वार्भ्याम् | वार्भ्यः |
षष्ठी | वारः | वारोः | वाराम् |
सप्तमी | वारि | वारोः | वार्षु |
सम्बो. | हे वाः | हे वारी | हे वारि |
* नपुंसकलिङ्गः शब्दः ।
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमा | |||
द्वितीया | |||
तृतीया | |||
चतुर्थी | |||
पञ्चमी | |||
षष्ठी | |||
सप्तमी | |||
सम्बो. |