जयशङ्कर प्रसाद
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फलकम्:Infobox writer जयशंकर प्रसादः (Jayshankar Prasad) (1889-1937) हिन्दी भाषाया: महान् लेखक: ।
उदाहरणकविता
बीती विभावरी जाग री!
बीती विभावरी जाग री!
अम्बर पनघट में डुबो रही
तारा घट ऊषा नागरी।
खग कुल-कुल-कुल सा बोल रहा,
किस लय का अंचल डोल रहा,
लो यह लतिका भी भर लाई
मधु मुकुल नवल रस गागरी।
अधरों में राग अमंद पिये,
अलकों में मलयज बंद किये
तू अब तक सोई है आली
आँखों में भरे विहाग री।
- जयशंकर प्रसाद
पश्य
बाह्यसम्पर्कतन्तुः
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- जयशंकर प्रसाद (अभिव्यक्ति में)
- Kamayani of Jai Shankar Prasad – As I saw It and Understood It by Dr.Girish Bihari
1st Edition 2006, Published by Film Institute, Lucknow (U.P.) – INDIA http://cities.expressindia.com/fullstory.php?newsid=205657